कालका विधानसभा का चुनावी गणित

हरियाणा विधानसभा सीटों की सूची के शुरुआत की बात करें तो कालका विधानसभा से होती है। क्योंकि विधानसभा क्षेत्र के नाम के साथ इनको नंबर से भी जाना जाता है इसी नंबर वाली कड़ी में नंबर 1 है।  हल्के को मुख्य रूप से 5 हिस्सों, दून, रायतन, मोरनी, कालका-पिंजौर व रायपुररानी में बांटा जा सकता है। हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटा यह हल्का लम्बे समय से बाहरी उम्मीदवारों को जीतता आ रहा है । चंद्रमोहन लगातार 4 बार 1993, 1996, 2000 और 2005 में यहां से विधायक बने। तब तक पंचकुला जिला क्षेत्र (पहले अंबाला जिले का हिस्सा) की यह एकमात्र सीट थी। 
हम परिसीमन के बाद हुए चुनाव के बारे में बात करेंगे। परिसीमन में जब कालका और पंचकुला अलग-अलग सीटें बन गई। 2009 के चुनाव में फिजा प्रकरण के चलते कांग्रेस ने चंद्रमोहन को टिकट नहीं दी तो एक अन्य बाहरी उम्मीदवार सतविंदर राणा यहां कांग्रेस की टिकट पर लड़े। उस चुनाव में इनेलो के प्रदीप चौधरी 21187 वोटों के अन्तर से चुनाव जीते थे।

 
2014 से पहले भाजपा ने कालका सीट कभी नहीं जीती थी। कालका का इतिहास दोहराते हुए यहां से लतिका शर्मा के रूप में बाहरी उम्मीदवार ही सामने आया।  वरिष्ठ भाजपा नेता स्व. सुषमा स्वराज के नजदीक नेताओं में माना जाता था, और सुषमा जी उनके लिए चुनाव प्रचार करने भी आई थी। सीधा टिकट लेकर कालका पहुंची लतिका शर्मा ने चुनाव प्रचार तेजी से किया और कुछ ही दिनों में वो अपने मुख्य प्रतिद्वंदी प्रदीप चौधरी पर हावी हो गई थी। भाजपा को 2009 में यहां महज 1958 वोट मिले थे लेकिन लतिका शर्मा को 50347 वोट पड़े। इस चुनाव में इतिहास को बदलते हुए 18819 वोटों के अंतर से चुनाव जीतकर इस सीट पर पहली बार कमल खिला आकर विधायक बनी। 

Candidates Party Votes
Puneet BJP 123123
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2019 चुनाव से पहले इनेलो के दो फाड़ होने से प्रदीप चौधरी इनलो छोड़कर कांग्रेस में चले गए। कांग्रेस ने प्रदीप चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया। इसबार यहां से प्रदीप चौधरी ने जीत दर्ज की थी। इस बार लतिका शर्मा को हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव से पहले के दो फाड़ होने से इनलो कोई खास नहीं कर पाई इनेलो के उम्मीदवार सतेंद्र राणा को 4963 वोट ही प्राप्त हुए और इनेलो से अलग हुई नई जननायक जनता पार्टी को लगभग 7739 वोट से ही संतोष करना पड़ा। इस बार भी सीधी टक्कर लतिका शर्मा और प्रदीप चौधरी के बीच में रही और कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप चौधरी ने 5931 वोटों का अन्तर से जीतकर विधायक बने । 

Candidates Party Votes
Sahil BJP 1231
Sahil BJP 1231
Sahil BJP 1231
Sahil BJP 1231
Sahil BJP 1231
Sahil BJP 1231

इसी साल विधानसभा चुनाव होने है अब देखना ये होगा कि इस बार भी सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच में रहेगा या कोई और पार्टी भी मुकाबले आ सकती है 2024 के विधानसभा चुनावी विश्लेषण लोकसभा चुनाव के बाद आपके साथ सांझा करेंगे।

Candidates Party Votes
Sahil BJP 1231
Sahil BJP 1231
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Sahil BJP 1231
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इसी साल विधानसभा चुनाव होने है अब देखना ये होगा कि इस बार भी सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच में रहेगा या कोई और पार्टी भी मुकाबले आ सकती है 2024 के विधानसभा चुनावी विश्लेषण लोकसभा चुनाव के बाद आपके साथ सांझा करेंगे।

Candidates Party Votes
Sahil BJP 1231
Sahil BJP 1231
Sahil BJP 1231
Sahil BJP 1231
Sahil BJP 1231
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इसी साल विधानसभा चुनाव होने है अब देखना ये होगा कि इस बार भी सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच में रहेगा या कोई और पार्टी भी मुकाबले आ सकती है 2024 के विधानसभा चुनावी विश्लेषण लोकसभा चुनाव के बाद आपके साथ सांझा करेंगे।

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कालका विधानसभा का चुनावी गणित

हरियाणा विधानसभा सीटों की सूची के शुरुआत की बात करें तो कालका विधानसभा से होती है। क्योंकि विधानसभा क्षेत्र के नाम के साथ इनको नंबर से भी जाना जाता है इसी नंबर वाली कड़ी में नंबर 1 है।  हल्के को मुख्य रूप से 5 हिस्सों, दून, रायतन, मोरनी, कालका-पिंजौर व रायपुररानी में बांटा जा सकता है। हिमाचल प्रदेश की सीमा से सटा यह हल्का लम्बे समय से बाहरी उम्मीदवारों को जीतता आ रहा है । चंद्रमोहन लगातार 4 बार 1993, 1996, 2000 और 2005 में यहां से विधायक बने। तब तक पंचकुला जिला क्षेत्र (पहले अंबाला जिले का हिस्सा) की यह एकमात्र सीट थी। 
हम परिसीमन के बाद हुए चुनाव के बारे में बात करेंगे। परिसीमन में जब कालका और पंचकुला अलग-अलग सीटें बन गई। 2009 के चुनाव में फिजा प्रकरण के चलते कांग्रेस ने चंद्रमोहन को टिकट नहीं दी तो एक अन्य बाहरी उम्मीदवार सतविंदर राणा यहां कांग्रेस की टिकट पर लड़े। उस चुनाव में इनेलो के प्रदीप चौधरी 21187 वोटों के अन्तर से चुनाव जीते थे।

 
2014 से पहले भाजपा ने कालका सीट कभी नहीं जीती थी। कालका का इतिहास दोहराते हुए यहां से लतिका शर्मा के रूप में बाहरी उम्मीदवार ही सामने आया।  वरिष्ठ भाजपा नेता स्व. सुषमा स्वराज के नजदीक नेताओं में माना जाता था, और सुषमा जी उनके लिए चुनाव प्रचार करने भी आई थी। सीधा टिकट लेकर कालका पहुंची लतिका शर्मा ने चुनाव प्रचार तेजी से किया और कुछ ही दिनों में वो अपने मुख्य प्रतिद्वंदी प्रदीप चौधरी पर हावी हो गई थी। भाजपा को 2009 में यहां महज 1958 वोट मिले थे लेकिन लतिका शर्मा को 50347 वोट पड़े। इस चुनाव में इतिहास को बदलते हुए 18819 वोटों के अंतर से चुनाव जीतकर इस सीट पर पहली बार कमल खिला आकर विधायक बनी। 

Candidates Party Votes
Puneet BJP 123123
Puneet BJP 123123
Puneet BJP 123123
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2019 चुनाव से पहले इनेलो के दो फाड़ होने से प्रदीप चौधरी इनलो छोड़कर कांग्रेस में चले गए। कांग्रेस ने प्रदीप चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया। इसबार यहां से प्रदीप चौधरी ने जीत दर्ज की थी। इस बार लतिका शर्मा को हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव से पहले के दो फाड़ होने से इनलो कोई खास नहीं कर पाई इनेलो के उम्मीदवार सतेंद्र राणा को 4963 वोट ही प्राप्त हुए और इनेलो से अलग हुई नई जननायक जनता पार्टी को लगभग 7739 वोट से ही संतोष करना पड़ा। इस बार भी सीधी टक्कर लतिका शर्मा और प्रदीप चौधरी के बीच में रही और कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप चौधरी ने 5931 वोटों का अन्तर से जीतकर विधायक बने । 

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इसी साल विधानसभा चुनाव होने है अब देखना ये होगा कि इस बार भी सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच में रहेगा या कोई और पार्टी भी मुकाबले आ सकती है 2024 के विधानसभा चुनावी विश्लेषण लोकसभा चुनाव के बाद आपके साथ सांझा करेंगे।

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इसी साल विधानसभा चुनाव होने है अब देखना ये होगा कि इस बार भी सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच में रहेगा या कोई और पार्टी भी मुकाबले आ सकती है 2024 के विधानसभा चुनावी विश्लेषण लोकसभा चुनाव के बाद आपके साथ सांझा करेंगे।

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इसी साल विधानसभा चुनाव होने है अब देखना ये होगा कि इस बार भी सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच में रहेगा या कोई और पार्टी भी मुकाबले आ सकती है 2024 के विधानसभा चुनावी विश्लेषण लोकसभा चुनाव के बाद आपके साथ सांझा करेंगे।