विकास की मांग करने वालों को कीमत जरुर चुकानी पड़ेगी: अरुण जेटली
फरीदाबाद: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरीदाबाद में एक कार्यक्रम में कहा कि जो लोग देश के विकास की मांग करते हैं, उन्हें विकास के लिए कीमत चुकानी पड़ेगी. जेटली ने कहा कि विकास के लिए पैसों की जरूरत होती है और इसके लिए जरूरी है टैक्स से पैसे आएं. टैक्स मिलेगा तो विकास होगा. जेटली ने कहा कि देश में टैक्स में इजाफा होता जा रहा है और अच्छी बात ये है कि हमारी इकॉनमी भी ग्रोथ कर रही है. जेटली ने कहा कि टैक्स के दायरे में ज्यादा लोगों को लाना चाहिए लेकिन इसके लिए इनकम टैक्स अफसर गैरजरूरी दबाव न बनाएं. ऐसे समाज में जहां परंपरागत रूप से लोग टैक्स नहीं देने को शिकायत नहीं मानते, धीरे-धीरे टैक्स देने के महत्व को समझ रहे हैं, जोकि समय के साथ आता है. यह टैक्स व्यवस्था के एकीकरण का अहम कारण है. उन्होंने कहा कि हमारे पास सुधार के लिए समय और स्पेस रहेगा. अर्थव्यवस्था के रेवेन्यू न्यूट्रल होने जाने पर हमें बेहतर सुधारों के बारे में सोचना होगा. ये भी पढ़ें: वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में इनडायरेक्ट टैक्स में इजाफा हो रहा है, जबकि इकॉनमी भी ग्रोथ कर रही है. प्रत्यक्ष कर प्रभावशाली वर्ग की ओर से दिया जाता है, जबकि अप्रत्यक्ष कर का बोझ सभी पर पड़ता है. इसीलिए हमने वित्तीय नीतियों में जरूरी चीजों पर सबसे कम टैक्स लगाने का फैसला लिया है. जेटली ने ये बातें नैशनल अकैडमी ऑफ कस्टम्स एक्साइज ऐंड नारकोटिक्स के स्थापना दिवस के मौके पर कहीं. क समय भारतीय प्रशासनिक सेवा एलीट मानी जाती थी, लेकिन अब इसमें समाज के हर वर्ग, धर्म और जगह के लोग आ गए हैं और यह भारतीय समाज का आईना बन गई है. बता दें कि देशभर में आज से काफी कुछ बदलने जा रहा है. जीएसटी लागू होने के बाद आज से सभी चीजें नई MRP पर मिलेंगी. हालांकि कारोबारियों की सुविधा के लिए नई MRP की मियाद बढ़ा दी गई है लेकिन उपभोक्ता मामले मंत्रालय की तरफ से अभी नोटिफिकेशन नहीं हुआ है. ये भी पढ़ें: वहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में आज से अकाउंट बंद करवाने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा. शर्त ये है कि खाता एक साल पुराना हो. आज से SBI में मर्ज हो चुके बैंकों के पुराने चेकबुक और IFSC कोड भी मान्य नहीं होंगे. SBI ने मेट्रो शहरों में मिनिमम बैलेंस लिमिट 5,000 रुपये से घटाकर 3,000 रुपये कर दी है. इसका फायदा आज से करीब पांच करोड़ खाताधारकों को मिलेगा.
IAS अधिकारियों को केंद्र सरकार की चेतावनी, संपत्ति का ब्यौरा दीजिए वरना रोक देंगे प्रमोशन
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सभी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों को अगले महीने तक अपनी संपत्ती का ब्योरा देने के लिए कहा है. इसके साथ ही सरकार ने चेतवनी दी है कि ऐसा न करने वाले अधिकारियो को उनके प्रमोशन और विदेशों में नियुक्ति के लिए जरूरी विजिलेंस क्लियरेंस नहीं दिया जाएगा. नौकरशाही में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने ये कदम उठाया है. इसको लेकर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने केंद्र सरकार के सभी विभागों, राज्यों के अलावा सभी केंद्रशासित प्रदेशों को खत लिखकर उनसे उनके अधिकारियों द्वारा अगले साल 31 जनवरी तक अचल संपत्ति रिटर्न (IPR) जमा करावाने के लिए कहा है. वहीं हाल ही में इस्टैब्लिशमेंट ऑफिसर और एडिशनल सेक्रटरी पी. के. त्रिपाठी ने इसको लेकर एक संदेश में कहा, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा 4 अप्रैल , 2011 को जारी किए गए निर्देशों के अनुसार यह दोहराया जाता है कि IPR समय पर जमा नहीं होने की स्थिति में विजिलेंस मंजूरी नहीं दी जाएगी. साल 2011 के निर्देशों के अनुसार अगले साल 1 जनवरी तक जो अधिकारी IPR जमा नहीं करते हैं उन्हें क्लियरेंस नहीं दिया जाएगा और न ही वरिष्ठ स्तर के पदों के लिए प्रमोशन को लेकर उनके नाम पर कोई विचार किया जाएगा. अचल संपत्ति रिटर्न (IPR) की फाइलिंग के लिए ऑनलाइन एक मॉड्यूल तैयार किया गया है. ऐसे में अधिकारियों के पास इस मॉड्यूल में में IPR की हार्ड कॉपी अपलोड करने के लिए आने वाले 31 जनवरी तक समय है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, देश में इस समय कुल 5,004 IAS अधिकारी कार्यरत हैं.
मोदी सरकार को फिर झटका, लगातार दूसरे महीने GST से कमाई घटी, 80808 करोड़ रुपये आए
नई दिल्ली. माल एवं सेवा कर यानि GST के संग्रह में लगातार दूसरे महीने में भारी गिरावट के साथ सरकार को झटका लगा है. नवंबर के महीने में जीएसटी का संग्रह 80,808 करोड़ रुपये रहा है जबकि अक्टूबर के महीने में यह 83,000 करोड़ दर्ज किया गया था. हाल ही में आए वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार बीते 25 दिसंबर तक जीएसटी का संग्रह 80,808 करोड़ रुपए रहा. दरअसल इस साल नवंबर में ही 200 उत्पादों पर जीएसटी की दरें कम की गई और इसका असर अब साफ नजर आने भी लगा है. 200 उत्पादों की जीएसटी दरें कम किए जाने को जीएसटी की वसूली में कमी की बड़ी वजह माना जा रहा है. इसके अलावा एक और कारण यह है कि छोटे व्यापारी अपना रिर्टन प्रति माह की जगह तिमाही फाइल कर रहे हैं. इसके मद्दे नजर जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक दिल्ली में 18 जनवरी 2018 को बुलायी गयी है. <br> जीएसटी को 1 जुलाई से लागू किया गया था और उसी महीने में सबसे ज्यादा वसूली की गई थी. उस माह में 92,283 करोड़ रुपये एकत्रित होने के बाद सरकार को उम्मीद थी कि जैसे- जैसे जीएसटी को लेकर लोगों में जानकारी बढ़ेगी तो यह वसूली भी बढ़ेगी. लेकिन फिलहाल इसका उल्टा हो गया है. <br>
मोदी सरकार को फिर झटका, लगातार दूसरे महीने GST से कमाई घटी, 80808 करोड़ रुपये आए
नई दिल्ली. माल एवं सेवा कर यानि GST के संग्रह में लगातार दूसरे महीने में भारी गिरावट के साथ सरकार को झटका लगा है. नवंबर के महीने में जीएसटी का संग्रह 80,808 करोड़ रुपये रहा है जबकि अक्टूबर के महीने में यह 83,000 करोड़ दर्ज किया गया था. हाल ही में आए वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार बीते 25 दिसंबर तक जीएसटी का संग्रह 80,808 करोड़ रुपए रहा. दरअसल इस साल नवंबर में ही 200 उत्पादों पर जीएसटी की दरें कम की गई और इसका असर अब साफ नजर आने भी लगा है. 200 उत्पादों की जीएसटी दरें कम किए जाने को जीएसटी की वसूली में कमी की बड़ी वजह माना जा रहा है. इसके अलावा एक और कारण यह है कि छोटे व्यापारी अपना रिर्टन प्रति माह की जगह तिमाही फाइल कर रहे हैं. इसके मद्दे नजर जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक दिल्ली में 18 जनवरी 2018 को बुलायी गयी है. <br> जीएसटी को 1 जुलाई से लागू किया गया था और उसी महीने में सबसे ज्यादा वसूली की गई थी. उस माह में 92,283 करोड़ रुपये एकत्रित होने के बाद सरकार को उम्मीद थी कि जैसे- जैसे जीएसटी को लेकर लोगों में जानकारी बढ़ेगी तो यह वसूली भी बढ़ेगी. लेकिन फिलहाल इसका उल्टा हो गया है. <br>
बीजेपी विधायक दल की बैठक
चंडीगढ़ में हरियाणा कैबिनेट की बैठक से पहले सीएम आवास पर बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में सभी बीजेपी विधायक शामिल हुए। इसके बाद हरियाण सचिवालय में कैबिनेट बैठक 4 बजे के बाद शुरू हुई।
बीजेपी विधायक दल की बैठक
चंडीगढ़ में हरियाणा कैबिनेट की बैठक से पहले सीएम आवास पर बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में सभी बीजेपी विधायक शामिल हुए। इसके बाद हरियाण सचिवालय में कैबिनेट बैठक 4 बजे के बाद शुरू हुई।
बीजेपी विधायक दल की बैठक
चंडीगढ़ में हरियाणा कैबिनेट की बैठक से पहले सीएम आवास पर बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में सभी बीजेपी विधायक शामिल हुए। इसके बाद हरियाण सचिवालय में कैबिनेट बैठक 4 बजे के बाद शुरू हुई।
बीजेपी विधायक दल की बैठक
चंडीगढ़ में हरियाणा कैबिनेट की बैठक से पहले सीएम आवास पर बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में सभी बीजेपी विधायक शामिल हुए। इसके बाद हरियाण सचिवालय में कैबिनेट बैठक 4 बजे के बाद शुरू हुई।
HARYANA JANHIT CONGRESS MERGED WITH CONGRESS
Kuldeep Bishnoi's Haryana Janhit Congress party merges with Congress
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Kuldeep Bishnoi's Haryana Janhit Congress party merges with Congress
Congress party
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Haryana politics news
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पत्रकार रामचंद्र हत्याकांड में खट्टा सिंह की गवाही, 8 को होगा क्रॉस एग्जामिन
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में आज पंचकूला की सीबीआइ कोर्ट में सुनवाई हुई। मामले में अहम गवाह गुरमीत राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की गवाही हुई। अगली सुनवाई अब 8 मई को होगी, जिसमें खट्टा सिंह की गवाही पर क्रॉस एग्जामिन होगा। राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए कोर्ट में पेश हुआ। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने गत दिवस डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह को पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरे के प्रबंधक रहे रणजीत सिंह की हत्या केस में फिर से गवाही दर्ज कराने की अनुमति दे दी थी। शीर्ष अदालत ने डेरा प्रमुख की पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील खारिज की। हाई कोर्ट ने पूर्व ड्राइवर को फिर से गवाही देने की अनुमति दे दी थी। जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने कहा, 'जब आप जीवन की कठोर सच्चाई जानते हों तो आपको हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।' डेरा प्रमुख की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि खट्टा सिंह ने 2012 में पेशी के दौरान खुद ही कहा था कि सीबीआइ ने राम रहीम के खिलाफ पेश होने के लिए उन पर दबाव डाला था। तब खट्टा सिंह ने केस में डेरा प्रमुख की संलिप्तता की जानकारी होने से इन्कार किया था। लूथरा ने कहा, 'यदि फिर से गवाही दर्ज कराने की अनुमति दी जाती है तो हमारा पूरा बचाव खत्म हो जाएगा।' वरिष्ठ वकील ने कहा कि खट्टा सिंह विश्वसनीय गवाह नहीं है। पीठ ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करना नहीं चाहती है। साथ ही पीठ ने स्पष्ट किया कि हाई कोर्ट के आदेश से निचली अदालत प्रभावित नहीं हो सकती। पत्रकार छत्रपति और रंजीत हत्याकांड में होगी खट्टा सिंह की गवाही यह भी पढ़ें 2012 में खट्टा सिंह अपने बयान से पलट गए थे। पिछले वर्ष 28 अगस्त को डेरा प्रमुख को दुष्कर्म मामले में 20 वर्ष कैद की सजा सुनाए जाने के बाद उन्होंने सीबीआइ की विशेष अदालत से संपर्क किया था। उन्होंने दो हत्याओं के मामले में राम रहीम की भूमिका के बारे में अपनी गवाही नए सिरे से दर्ज कराने की अनुमति मांगी थी। पूर्व ड्राइवर ने दावा किया था कि डेरा प्रमुख और उसके गुंडों के भय से बयान बदला था। विशेष अदालत ने उनकी अर्जी नामंजूर कर दी जिसके बाद वह हाई कोर्ट पहुंचे थे। खट्टा सिंह ने 2007 में सीबीआइ से कहा था कि उनके पास राम रहीम और उसके आदमियों के बीच हुई मुलाकात के बारे में जानकारी है। इस मुलाकात के बाद 10 जुलाई 2002 को डेरा के अनुयायी रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई। उन्होंने दावा किया था कि डेरा प्रमुख ने सिरसा से प्रकाशित होने वाले अखबार के संपादक रामचंद्र छत्रपति की हत्या करने का निर्देश दिया था। बाद में फरवरी 2012 में अदालत में वह अपने बयान से पलट गए। बहरहाल, आज सीबीआइ कोर्ट में खट्टा सिंह की गवाही हुई।